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Showing posts from November, 2024

स्टोक से हर दिन तीन मौते चिंता का विषय:डा.ठक्कर

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'मिशन ब्रेन अटैक का लखनऊ चैप्टर में स्टोक के खतरें को कम करने पर चर्चा लखनऊ। देश में हर दिन तीन मौते स्टोक से होती है, इन मौतों को जागरुकता से रोका जा सकता है। यह बाते मेदांता अस्पताल के न्यूरो सर्जन डा ठक्कर ने कहीं। इस सेमीनार में इंडियन स्ट्रोक एसो ने मिशन ब्रेन अटैक लॉन्च किया है, जिसका उददेश्य स्ट्रोक की रोकथाम, तत्काल उपचार और पुनर्वास के मामलों में स्वास्थ्य पेशेवरों की जागरूकता, शिक्षा और प्रशिक्षण को पहले से बेहतर बनाना है। अभियान ईच वन टीच वन पूरे भारत में स्ट्रोक के मामलों में खतरनाक वृद्धि की ओर इशारा करता है। देश में स्ट्रोक की देखभाल में सुधार के लिए विशेष प्रशिक्षण और संसाधनों की आवश्यकता पर जोर देता है। स्ट्रोक देशभर में लोगों की मौत और विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है, जो सालाना लगभग 1.8 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है। मृत्यु दर का दूसरा सबसे आम कारण और विकलांगता का तीसरा प्रमुख कारण होने के कारण, स्ट्रोक का देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। इसके बावजूद स्ट्रोक के लक्षणों और समय पर इसका उपचार करने के बारे में जागरूकता का स्...

महिलाओं की प्रजनन क्षमता और गर्भावस्था पर डायबिटीज का प्रभाव

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर अग्न्याशय द्वारा बनाए गए इंसुलिन की मदद से, शर्करा और स्टार्च को ऊर्जा में परिवर्तित नहीं कर पाता। जब ये शर्करा टूट नहीं पाती और कोशिकाओं द्वारा अवशोषित नहीं होती तो ये रक्त में ही रह जाती है जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। डायबिटीज को मुख्य रूप से तीन प्रकारों में बांटा जा सकता है: टाइप 1 टाइप 2 और गर्भकालीन डायबिटीज। डॉ. क्षितिज मुरडिया, सीईओ और सह-संस्थापक इंदिरा आईवीएफ के अनुसार, टाइप 1 डायबिटीज में अग्न्याशय बहुत कम या बिल्कुल भी इंसुलिन नहीं बनाता जिससे शरीर रक्त शर्करा का उपयोग ऊर्जा के रूप में नहीं कर पाता। इसे नियमित इंसुलिन इंजेक्शन के जरिए नियंत्रित करना पड़ता है। टाइप 2 डायबिटीज में शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधक हो जाती हैं जिससे शरीर मौजूद इंसुलिन का उपयोग कर रक्त शर्करा को ऊर्जा में नहीं बदल पाता। इसे स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम से नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन कई बार इसे दवाओं से भी प्रबंधित करना पड़ता है जो इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाती हैं। टाइप 2 डायबिटीज टाइप 1 की तुलना में अधिक सामान्य है। गर्भकालीन...

संविधान बचाने एवं निजी क्षेत्र में आरक्षण के लिए होगा बड़ा आंदोलन: भवन नाथ पासवान

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एस सी/एस टी में उपवर्गीकरण को संविधान संशोधन से रोका जाए: भवन नाथ पासवान जातीय जनगणना कर सरकार सभी संस्थाओ में अनुपातिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करे लखनऊ। संविधान बचाने एवं निजी क्षेत्र में आरक्षण के लिए बड़ा आन्दोलन किया जाएगा। अपने अधिकार के लिए समाज को संगठित होकर संघर्ष करना होगा। यह बातें डॉ अम्बेडकर राष्ट्रीय एकता मंच के 12वां राष्ट्रीय अधिवेशन में लखनऊ रवींद्रालय सभागार में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भवन नाथ पासवान ने कहीं। राष्ट्रीय अधिवेशन समारोह का प्रारंभ तथागत बुद्ध एवं बोधी सत्य साहब डॉ अम्बेडकर के प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित एवं दीप जलाकर बुद्ध वंदना एवं त्रिशरण पंचशील से हुई। संगठन के राष्ट्रीय संरक्षक पूर्व आईएएस राम बहादुर ने राष्ट्रीय अधिवेशन कार्यक्रम का उदघाटन किया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भवननाथ पासवान ने कहा कि आज डॉ अम्बेडकर राष्ट्रीय एकता मंच पूरे भारत में एक अलग पहचान बनाते हुए इस अधिवेशन देश के 26 प्रदेशों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए और विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा में कहा कि भारतीय संविधान से छेड़छाड़ करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए ...