पेशाब का रंग गुलाबी होना कैंसर का लक्षण हो सकता:डा राकेश कपूर

मेदांता में ब्लैडर कैंसर पर जागरुकता सत्र आयोजित लखनऊ। लखनऊ मेदांता अस्पताल में कैंसर के इलाज और जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष कैंसर जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। सत्र में मूत्राशय के कैंसर पर इंटरैक्टिव और ज्ञानवर्धक किया गया। सत्र में मूत्राशय के कैंसर के इलाज पर डॉ राकेश कपूर मेडिकल डायरेक्टर डायरेक्टर यूरोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी, डॉ अनीश श्रीवास्तव यूरोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी, डॉ मयंक मोहन अग्रवाल एसोसिएट डायरेक्टर यूरोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट सर्जर ने मूत्राशय के कैंसर के आधुनिक उपचार कारणों, निदान और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी के बारे में चर्चा की। इस सत्र का उददेेश्य मूत्राशय के कैंसर को बेहतर ढंग से समझने में मदद करना और लोगों को इसके बारे में जागरूक बनाना था। डॉ राकेश कपूर ने कहा कि ब्लैडर कैंसर पूरी दुनिया में एक आम कैंसर है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। लखनऊ के मेदांता अस्पताल में ब्लैडर कैंसर के निदान और उपचार के लिए नवीनतम सुविधाएं और बेहतरीन डॉक्टर उपलब्ध हैं। डॉ अनीश श्रीवास्तव डायरेक्टर यूरोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी ने ब्लैडर कैंसर के कारणों और लक्षणों के बारे में कहा तंबाकू किसी भी रूप में ब्लैडर कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। धूम्रपान, एमाइन और रबरए चमड़ा और डाई उद्योगों में कार्बन ब्लैक डस्ट का औद्योगिक संपर्क भी मूत्राशय के कैंसर का एक प्रमुख कारण रहा है। ब्लैडर कैंसर वाले अधिकांश रोगियों को मूत्र में रक्त आने की शिकायत करते हैं। गुलाबी रंग का मूत्र, बार-बार पेशाब करना और पेशाब करने में दर्द होना। किसी को भी इन लक्षणों को नजऱअंदाज़ नहीं करना चाहिए और ऐसी स्थिति में आगे निदान के लिए किसी योग्य मूत्र रोग विशेषज्ञ के पास पहुंच कर सलाह लेनी चाहिए। डॉ मयंक मोहन अग्रवाल ने ब्लैडर कैंसर के इलाज के बारे में बताते हुए कहा कि एक बार निदान हो जाने के बाद उपचार ट्यूमर के चरण और व्यवहार पर निर्भर करता है। आम तौर पर मूत्राशय की केवल सबसे निचली परत तक सीमित ट्यूमर का इलाज एंडोस्कोपिक रूप से किया जाता है। प्रक्रिया जिसे टीयूआरबीटी कहा जाता है जिसके बाद कैंसर की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए मूत्राशय में कीमोथेरेपी या इम्यूनोथेरेपी की जाती है। ऐसे ट्यूमर के लिए जो मूत्राशय की परतों में गहराई से घुसपैठ कर चुका है या टीयूआरबीटी उपचार के बावजूद दोबारा हो जाता है, उनमें रेडिकल सर्जरी कीमोथेरेपी या ब्लड में इम्यूनोथेरेपी इंजेक्ट किए जाने सहित रेडिकल इलाज की आवश्यकता पड़ती है, कुछ रोगियों को विकिरण चिकित्सा की भी आवश्यकता हो सकती है। हालांकि एक रोगी कैंसर के किसी भी पुनरावृत्ति का शीघ्र पता लगाने के लिए अगले 5 वर्षों तक फ ॉलोअप करने की आवश्यकता होती है। डॉक्टरों ने लोगों को किसी भी प्रकार के तम्बाकू का उपयोग बंद करने और रसायनों के साथ काम करने पर सावधान रहने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने स्वस्थ रहने और मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली रखने के लिए अच्छा खाने और नियमित व्यायाम करने के महत्व के बारे में भी चर्चा की। डॉक्टर्स ने बताया कि ये आदतें हमें स्वस्थ रहने और कैंसर से लडऩे में मदद करती हैं। mydanta Lucknow Bladder canser

Comments

Popular posts from this blog

नए अल्ट्रा-हाई टैक्स की वजह से विदेशी अवैध ऑनलाइन गेम्स का रुख कर रहे भारतीय

फिक्की एफएलओ ने महिला उद्यमियों को सशक्त करने के लिए सिलीगुड़ी चैप्टर लांच

मुट्ठीभर बादाम से भारतीय परिवारों की प्रोटीन की आवश्यकता पूरी होती है -मास्टरशेफ विजेता पंकज भदौरिया