एंजियोप्लास्टी करने वाला अपोलो राज्य का पहला निजी अस्पताल
भारत में ये बहुत कम केंद्रों पर उपलब्ध एंजियोप्लास्टी के लिए सबसे उन्नत तकनीक हैं।
लखनऊ। अपोलोमेडिक्स लखनऊ में कार्डियोलॉजिस्ट की टीम ने हाल ही में एक मरीज की कोरोनरी धमनियों में जमा कैल्शियम को निकालने के लिए कोरोनरी ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी तकनीक का उपयोग कर जटिल एंजियोप्लास्टी की। इस कीर्तिमान के साथ ही अपोलोमेडिक्स लखनऊ इस जटिल एंजियोप्लास्टी को करने वाला पूरे राज्य का पहला निजी अस्पताल बन गया है। इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. गौतम स्वरूप ने बताया अपोलोमेडिक्स में कोरोनरी ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी तकनीक के जरिए जिस मरीज का ऑपरेशन किया गया उसकी उम्र 78 साल है, जिसकी 20 साल पहले बाईपास सर्जरी हुई थी। ऐसे मामलों में पारंपरिक तरीके काम नहीं करेंगे। अपोलोमेडिक्स लखनऊ के एमडी और सीईओ डॉ मयंक सोमानी ने कहा मुझे खुशी है कि हमारे अस्पताल ने उन्नत कोरोनरी ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी तकनीक का उपयोग करके सफलतापूर्वक एक जटिल एंजियोप्लास्टी की है। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि हम इस स्तर के मेडिकल इनोवेशन की पेशकश करने वाले राज्य के पहले निजी अस्पताल बन गए हैं। कोरोनरी ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी तकनीक एक न्यूनतम इनवेसिव वाली प्रक्रिया है जिसे खास तौर से कोरोनरी धमनी रोग के इलाज के लिए डिज़ाइन किया गया है। चूंकि कैल्शियम कोरोनरी धमनियों को सख्त कर देता है, यह किसी भी चिकित्सा उपकरण को सम्मिलित करने की अनुमति नहीं देता है। नया उपकरण कैल्शियम को गोलाकार और आगे-पीछे की गति में काटता है और धमनियों से कैल्शियम को निकालता है। पहले हम ऐसी स्थितियों में बाईपास सर्जरी का सुझाव देते थे, लेकिन इस कोरोनरी ऑर्बिटल एथेरेक्टॉमी तकनीक के आने से हम उन रोगियों का जीवन और बढ़ा सकते हैं, जिनकी पहले ही बाईपास सर्जरी हो चुकी है और वे बुजुर्ग हैं।
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Apollomedics Hospital
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