भारतीय सेना के मध्य कमान की कहानी बयां करेगी कंसाई नेरोलैक
'ए हंड्रेड हैंड्स' के सहयोग से एक पहल, नेरोलैक आर्ट टेल्स को लॉन्च, जिसका उद्देश्य उपभोक्ता के घरों में कस्टमाइज पारंपरिक वॉल आर्ट को पेश करना है।
लखनऊ : कंसाई नेरोलैक पेंट्स ने 'आर्टसैल्यूट' बनाने के लिए एक एनजीओ 'ए हंड्रेड हैंड्स' और एडब्ल्यूडब्ल्यूए समर्थित टाइम्स ग्रुप के साथ पार्टनरशिप की है।
द आर्ट सैल्यूट प्रोजेक्ट - सैल्यूटिंग आर्टिस्ट्स ऑफ द लॉस्ट आर्ट, एक अनूठा क्यूरेटेड प्लेटफॉर्म है, जिसका मकसद भारतीय सेना की मध्य कमान और आदिवासियों के बीच तालमेल लाना है।.
प्रोजेक्ट के एक हिस्से के रूप में में, ए हंड्रेड हैंड्स ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित भारतीय सेना के सूर्य सेंट्रल कमांड की कहानी को डिकोड किया; और गहन रिसर्च के बाद जिसमें राज्य के भौगोलिक क्षेत्र, वनस्पति, जीव-जंतु सहित सेना की गतिविधियाँ शामिल थीं, ने गोंड और भील आर्ट का इस्तेमाल करते हुए इसको ट्रांसलेट किया। एक निर्दिष्ट दीवार भारतीय सेना की सबसे बड़ी कमान की शांतिकाल के दौरान गतिविधियों को दर्शाती है, जिसमें भारत के आठ राज्य शामिल हैं।
भारतीय सेना की मध्य कमान विभिन्न गतिविधियों चलाती है जिसमें मानवीय सहायता, प्रशिक्षण, बचाव अभियान और आपदा राहत भी शामिल है। इसके अलावा, इसको खेल के क्षेत्र में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए भी जाना जाता है। जनजातीय कलाकारों ने अपनी रचनात्मकता का उपयोग सेना की मध्य कमान के ऐसे सभी पहलुओं को उजागर करने के लिए किया, जो विस्तृत संदर्भ में ज्यादातर अनदेखे रह जाते हैं।
पूरी दीवार का अनावरण 13 नवंबर को सूर्य सैनिक सुविधा परिसर, लखनऊ कैंट में एडब्ल्यूडब्ल्यूए की रीजनल प्रेसिडेंट, श्रीमती निधि डिमरी ने कंसाई नेरोलैक पेंट्स लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डेकोरेटिव सेल्स एंड मार्केटिंग, श्री रोहित मलकानी के साथ किया।
एडब्ल्यूडब्ल्यूए की रीजनल प्रेसिडेंट व मध्य कमान ने सभी को 'आजादी का अमृत महोत्सव' की बधाई दी। उन्होंने प्रसन्नता जताई की कि स्टेशन के परिवारों को वर्कशॉप में भाग लेने और लुप्त भारतीय कलाओं को जीवंत करने का अवसर मिल सकता है। उन्होंने कहा, " एडब्ल्यूडब्ल्यूए बिरादरी के सदस्यों ने ट्राइबल आर्ट वर्कशॉप में भाग लेकर सभी सैनिकों और परिवारों को वास्तविक श्रद्धांजलि देने के लिए हाथ मिलाया।" उन्होंने इस आयोजन को सक्षम बनाने और समर्थन देने के लिए सभी आयोजकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित दो महिला कलाकारों, जिन्होंने रूढ़िवादिता को तोड़ा, का विशेष उल्लेख करते हुए अपनी बात समाप्त की। दोनों एक प्रसिद्ध भील कलाकार की बेटियां हैं।
इस पहल को एक पायदान ऊपर ले जाते हुए, नेरोलैक ने एक अनूठी पहल, नेरोलैक आर्ट टेल्स को लॉन्च करने की घोषणा की, जिसका उद्देश्य भारत के पारंपरिक कला के रूपों को अपने उपभोक्ताओं के घरों तक ले जाना है। ग्राहक विभिन्न आदिवासी आर्ट फॉर्म मसलन वारली, मधुबनी, फड़, गोंड, भील, चित्तारा इत्यादि में से चुन सकते हैं। इन्हें केवल एक डिज़ाइन से हटकर कस्टमाइज किया जाएगा, लेकिन एक बीस्पोक क्रिएशन उस परिवार को ध्यान में रखते हुए जिसके लिए दीवार बनाई गई है, उस परिवार के कोर में सही आर्ट फॉर्म से मेल खाते हुए, पारिवारिक मूल्यों और रुचियों के से संबंधित एक कहानी तैयार करना ताकि उनके पास अपनी तरह की एक दीवार हो।
इस पहल के बारे में बताते हुए कंसाई नेरोलैक पेंट्स लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डेकोरेटिव सेल्स एंड मार्केटिंग रोहित मलकानी ने कहा, ''इस तरह की नेक पहल के लिए 'ए हंड्रेड हैंड्स' और टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ जुड़कर हमें बेहद खुशी हो रही है। हमारा रिसर्च बताता है कि उपभोक्ता अपने घरों में पर्सनल स्पेस बनाना चाहते हैं जो स्पेशल मेमोरीज, कलाकृतियों और उपलब्धियों को उजागर करते हैं। इनके अनूठे चित्रण की खोज कुछ ऐसी है जिसकी सक्रिय रूप से तलाश रहती है और एक बातचीत को शुरू करने वाली बन जाती है। जनजातीय कला हमेशा कहानी कहने और बारीकियों को पकड़ने से प्रेरित रही है। हमारा मानना है कि समकालीन कहानियों को बयां के लिए जनजातीय कला का उपयोग करना उपभोक्ता को समाधान देने का एक खूबसूरत तरीका है जिसके लिए हम हमेशा से खड़े रहे हैं - "जब घर की रौनक बढ़ानी हो।
अपने पेंट+ ब्रांड फिलॉसफी के एक हिस्से के रूप में हम अपनी ऑफरिंग्स को ऐसे फायदों के साथ सशक्त बना रहे हैं जो सिर्फ रंग से परे हैं। आर्ट सेल्यूट इवेंट इस बात का एक गौरवपूर्ण प्रदर्शन है कि गोंड और भील कलाकृतियाँ सूर्य मध्य कमान की कथा को कितने प्रभावी ढंग से जीवंत कर सकती हैं। "नेरोलैक आर्ट टेल्स" की अपनी पेंटिंग सर्विस ऑफरिंग्स के जरिए हम अपने उपभोक्ताओं के जीवन में कस्टमाइज्ड जनजातीय कला कथाओं को प्रस्तुत करने की योजना बना रहे हैं।
प्रकृति से प्रेरित डिजाइनों के साथ हमारे हाल ही में रिवैंप्ड आईडियाज टेक्सचर की रेंज हमारे उपभोक्ताओं के घरों को आकर्षक बनाने में मदद करेगी। आइडियाज़ और आर्ट टेल्स के माध्यम से अपने उपभोक्ताओं को उनके घरों को सजाने के लिए हम कई तरह से इनोवेट करना और एवेन्यूज देना जारी रखना चाहते हैं।
परंपरागत रूप से इन कलाकारों को मिट्टी के पेंट या प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करते हुए इन आर्ट फॉर्म्स को तैयार करने के लिए जाना जाता है, नेरोलैक आगे आया है और हाथ बढ़ाया है जिससे वॉल पेंट्स के इस्तेमाल के जरिए दीवारों पर कला का जीवन काफी विस्तारित हो और आर्ट फॉर्म संरक्षित रहे।
नेरोलैक ने हमेशा पेंटर और आर्टिस्ट कम्युनिटी की मदद है, इस पहल से कलाकारों को अपनी कला के माध्यम से कहानी कहने का एक मंच देने में मदद मिलेगी जिससे हमारे देश की समृद्ध विरासत और संस्कृति को सहेजा जा सकेगा।
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the Central Command of the Indian Army depicted through wall art
Surya Sainik Suvidha Parisar, Lucknow Cantt
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