आरडीएसओ आत्मनिर्भर भारत एवं मेक इन इंडिया के तहत काम कर रहा:भुटानी
रेल मंत्रालय के निर्देश पर आरडीएसओ की कई परियोजनाएंं पूरी
आरडीएसओ आत्मनिर्भर भारत एवं मेक इन इंडिया के तहत काम कर रहा:भुटानी
लखनऊ। भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत एवं मेक इन इंडिया के तहत भारतीय रेलवे ने इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्ट.अप संस्थाओं को अवसर प्रदान करने की पहल की है। रेल मंत्री द्वारा गत १3 जून को रेलवे के लिए स्टार्टअप्स लॉन्च किया गया है। इसका उददेश्य स्टार्टअप की भागीदारी एवं इसके माध्यम से संचालन, रख-रखाव और बुनियादी ढांचे के निर्माण के क्षेत्र में सुधार लाना है। यह जानकारी बुधवार को आरडीएसओ के महानिदेशक संजीव भुटानी ने आयोजित प्रेसवार्ता में दी। उन्होने बताया इस कार्यक्रम के प्रथम चरण के लिए रेलवे के विभिन्न मंडलों, क्षेत्रीय कार्यालयों, जोनों से प्राप्त 100 से अधिक प्राबलम स्टेटमेंट में से 11 प्राबलम स्टेटमेंट जैसे ब्रोकन रेल डिटेक्शन सिस्टम रेल स्ट्रेस मॉनिटरिंग सिस्टम, उपनगरीय सेक्शन के लिए हेडवे इम्प्रूवमेंट इत्यादि का चयन किया गया है। इन समस्याओं का समाधान खोजने के लिए स्टार्ट अप उद्यमियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। स्टार्टअप्स को अधिकतम 1,5 करोड़ रु का अनुदान समान बंटवारे के आधार पर दिया जाएगा। स्टार्ट अप को माइलस्टोन वार भुगतान का प्रावधान रखा गया है। इस नीति के अनुसार डेवलपर को आईपीआर रखने की स्वतंत्रता होगी एवं रेलवे की ओर से सुनिश्चित विकास के लिए क्रय आदेश मिलेगा।
श्री भुटानी ने बताया अब डिजाइन और विकास कार्यों पर अधिक जोर दिया जा सकेगा। सरकार द्वारा रेल परिवहन को सशक्त बनाने हेतु बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है इसके अंतर्गत डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर मिशन 100 प्रतिशत विद्युतीकरण और चल स्टॉक की खरीद के लिए 1,4 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड बजटीय अनुदान प्रदान किया गया है। रेलवे बोर्ड द्वारा 80,000 वैगन खरीदने का क्रय आदेश जारी कर दिया गया है। 9000 एचपी क्षमता के 1200 लोकोमोटिव दाहोद में तथा 12000 एचपी क्षमता के 800 लोकोमोटिव बीएलडब्ल्यू में बनाने का टेंडर जारी किया है, आशा है कि रेल परिवहन इन क्रय के बाद परिवहन के क्षेत्र में अपना योगदान बढ़ा सकेगा। महत्वपूर्ण शहरों को उच्चगति की ट्रेनों से कम समय में आरामदायक यात्रा सुलभ कराने के लिये अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस 102 दव मेक इन इंडिया ट्रेन.18 का सफ लतापूर्वक निर्माण आईसीएफ में किया जा रहा है। ट्रेनों की रात्रिकालीन यात्रा की मांग को ध्यान में रखते हुये 200 दव ट्रेन सेट खरीदने का टेंडर एडवांस स्टेज में है। इसके अतिरिक्त 200 केएमपीएस की गति क्षमता वाली एलुमिनियम लाइट वेट बॉडी की 100 ट्रेन सेट का स्पेसीफिकेशन नियत कर दिया गया है तथा दोनों सिरों पर पावर यूनिट लगी हुई 100 दव ट्रेन सेट का भी स्पेसीफिकेशन नियत करने का कार्य तेजी से चल रहा है। देश के महत्वपूर्ण शहरों को उच्चगति की ट्रेनों से कम समय में आरामदायक यात्रा सुलभ कराने के उद्देष्य से अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस 102 no मेक इन इंडिया ट्रेन-18 का सफलतापूर्वक निर्माण ICF में किया जा रहा है। ट्रेनों की रात्रिकालीन यात्रा की मांग को ध्यान में रखते हुये 200 no ट्रेन सेट खरीदने का टेंडर एडवांस स्टेज में है। इसके अतिरिक्त 200 KMPH की गति क्षमता वाली एलुमिनियम लाइट वेट बॉडी की 100 ट्रेन सेट का स्पेसीफिकेशन नियत कर दिया गया है तथा दोनों सिरों पर पावर यूनिट लगी हुई 100 no ट्रेन सेट का भी स्पेसीफिकेशन नियत करने का कार्य तेजी से चल रहा है।
आरडीएसओ द्वारा उद्योग के सहयोग से स्वदेशी रूप से विकसित टक्कर और बचाव की महत्वपूर्ण प्रणाली "KAVACH" का विकास किया गया है। यह प्रणाली कैब सिग्नलिंग, लेवल क्रॉसिंग गेट पर स्वचालित सीटी बजाना, ऑटो ट्रेन सुरक्षा जैसी उन्नत सुविधाओं से युक्त है जिससे ट्रेन संचालन में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। इस प्रणाली का दक्षिण मध्य रेलवे पर दिनांक 04.03.2022 को माननीय रेल मंत्री की उपस्थित में सफल परीक्षण किया गया है। इसके शीघ्र विकास से यात्री संरक्षा में उत्तरोत्तर सुधार हो
सकेगा।
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Mahanidashak RDSO Sanjeev Bhutani
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