एक यूनिट ब्लड से बच सकतीं हैं तीन जिंदगी: डॉ आशीष तिवारी
मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ में मनाया विश्व रक्तदाता दिवस
· दुनिया भर में प्रतिवर्ष 100 मिलियन यूनिट ब्लड की पड़ती है कमी: डॉ आशीष तिवारी
लखनऊ : 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर मेदांता सुपरस्पेशियालिटी हॉस्पिटल की ओर से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। साथ ही विश्व रक्तदाता दिवस की पूर्व संध्या 13 जून को रक्तदान जागरुकता को लेकर एक आर्ट कांपिटीशन भी रखा गया। इसमें बच्चों ने रक्तदान जागरुकता को लेकर पेंटिग्स बनाईं और लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक किया। मेदांता सुपरस्पेशियालिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट एवं ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ आशीष तिवारी ने कहा कि लैंसेट जर्नल के मुताबिक दुनिया भर में प्रतिवर्ष 100 मिलियन यूनिट ब्लड की कमी पड़ती है। वहीं एक यूनिट ब्लड से तीन लोगों का जीवन बचाया जा सकता है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि एक यूनिट ब्लड से तीन कंपोनेंट्स आरबीसी, प्लाज्मा, प्लेटलेट्स निकाला जाता है। रक्तदान करने से खून की कमी नहीं होती है। रक्तदान करने के बीच कम से कम तीन माह का अंतराल रखना चाहिए। रक्तदान की प्रक्रिया शुरू करने से पहले किसी भी रक्तदाता से उसकी संपूर्ण मेडिकल हिस्ट्री ली जाती है। साथ ही हर रक्तदाता का हीमोग्लोबिन और ब्लड प्रेशर भी जांचा जाता है। जिससे ये सुनिश्चत किया जा सके कि रक्तदाता को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न होने पाए एवं जो भी ब्लड या कॉपोनेंट मरीज को चढ़ाया जाए वह भी बेहतर हो। डॉ.आशीष ने बताया कि नियमित रूप से भी अगर रक्तदान तीन माह के अंतराल पर करते हैं तो ऐसे रक्तदाता को किसी भी प्रकार की समस्या का समाना नहीं करना पड़ाता है और नहीं उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि स्वेच्छा से किया हुआ रक्तदान ही सबसे सुरक्षित होता है। वहीं उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे रक्तदान करने में आगे से आगे आएं। उन्होंने जानकारी दी कि हम लगातार युवाओं को रक्तदान करने के प्रति जागरूक करते रहते हैं। इसी कड़ी में उन्हें शहर के मशहूर यश वॉल्टर के पॉडकास्ट के माध्यम से हाल ही में रक्तदान के प्रति जागरुक किया गया। यश युवाओं को मोटिवेट करने का कार्य काफी बड़े स्तर पर करते हैं, जिन्हें शहर ही नहीं देश भर के युवा फॉलो करते हैं।
इसके अलावा विश्व रक्तदाता दिवस की पूर्व संध्या पर बच्चों ने पोस्टर व पेंटिंग के माध्यम से लोगों को रक्तदान के महत्व को बताया। प्रतियोगिता नौ से 13 वर्ष व 14 से 17 आयु वर्ग के बच्चों के बीच हुई। प्रतियोगिता में जीतने वाले बच्चों को पुरस्कार भी दिया गया। कांपिटीशन वर्नेभिनय व कैमलीन के सहयोग से किया गया।
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Dr Ashish Tiwari Medanta Hospital
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