यूपी राज्य भंडारण निगम में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मियों ने सौंपा ज्ञापन

यूपी राज्य भंडारण निगम में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मियों ने 2020 से वंचित मूलभूत सुविधाओं को लेकर विशेष सचिव सहकारिता, बी. चंद्रकला को सौंपा ज्ञापन* कोविड काल में मृत आश्रितों के 11 परिजनों को अब नये सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौड़ से है अनुकम्पा नौकरी की बड़ी उम्मीद* लखनऊ I यूपी राज्य भंडारण निगम में चतुर्थ श्रेणी भर्ती 2014 को सेवामण्डल से जोड़कर कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि, सामान्य ऋण तथा पदोन्नति जैसी कई सुविधाओं से दूर कर दिया गया है। भंडारण निगम में चतुर्थ श्रेणी के पद पर जनवरी, वर्ष 2014 (08 वर्ष से अधिक समय) के बीत जाने के बाद भी अभी तक चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को एस.आई.टी. के जाँच में बेवजह उलझाया जा रहा हैं जिस जाँच का हवाला निगम पिछले पाँच वर्षों से दे रहा है उनमें निगम के उप प्रबंधक एवं कनिष्ठ कार्यालय सहायक शंका के दायरे में हैं जिसकी जाँच एसआईटी द्वारा उप्र सहकारी संस्थागत सेवामण्डल के माध्यम से वर्ष 2014 से 2017 के दौरान हुई भर्तियों की जाँच आगे चल रही है जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती उप्र राज्य भंडारण निगम स्तर से पूरे चरणबद्ध तरीके से पूर्ण की गयी हैं जो सेवामण्डल कि भर्तियों की परिधि से बाहर है। निगम द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वर्ष 2020 से वार्षिक वेतन व्रद्धि, सामान्य ऋण एवं स्थायीकरण,विनयतीकरण व पदोन्नति न मिलने के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है है उनके पारिवारिक की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही हैं तथा कई कर्मचारियों को सामान्य ऋण न मिलने के कारण परिवार में होने वाली शादियों में रुकावट के साथ साथ उनके परिजनों के चिकित्सा जैसे कई कार्य आजतक अधूरे पड़े हैं। बतातें चलें कि 2014 में हुई चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्तियों को एसआईटी के दायरे में बेवजह जोड़कर 2 वर्ष पूर्व कोविड काल के दौरान निगम हित में अपनी सेवा देने वाले 11 मृतक आश्रितों और उनके परिजनों को अभी तक नौकरी भी नही दी गयी हैं । बतातें चलें, कि सहकारिता विभाग के अधीन विभागों में कोविड काल में मृत कुल 111 कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति छं: महीने पहले ही दे दी गई थी पूर्व सहकारिता मंत्री मुकुट विहारी वर्मा ने बचे हुए मृतक आश्रितों को भी जल्दी ही नियुक्ति और सभी देयकों राशि के साथ में भुगतान करने का आश्वासन बड़े ही जोर शोर से दिया था लेकिन यूपी राज्य भंडारण निगम आज भी कोविड काल में मृत आश्रितों के 11 परिजनों को अनुकम्पा नौकरी देने के नाम पर 2014 भर्ती प्रक्रिया को एसआईटी जाँच में उलझाकर उनकी नियुक्ति में रोड़ा अटका रहा हैं। -------------------------------------

Comments

Popular posts from this blog

नए अल्ट्रा-हाई टैक्स की वजह से विदेशी अवैध ऑनलाइन गेम्स का रुख कर रहे भारतीय

फिक्की एफएलओ ने महिला उद्यमियों को सशक्त करने के लिए सिलीगुड़ी चैप्टर लांच

मुट्ठीभर बादाम से भारतीय परिवारों की प्रोटीन की आवश्यकता पूरी होती है -मास्टरशेफ विजेता पंकज भदौरिया