अपोलोमेडिक्स में कंप्रेहेंसिव इंटरवेंशनल प्रोसीजर स्पेसिफिक एनलजेसिया कार्यशाला

अपोलोमेडिक्स में संपन्न हुई कंप्रेहेंसिव इंटरवेंशनल प्रोसीजर स्पेसिफिक एनलजेसिया कार्यशाला - दो दिवसीय आयोजन में विशेषज्ञों ने अल्ट्रासाउंड गाइडेड रीजनल एनेस्थीसिया तकनीक विभिन्न पहलुओं पर की चर्चा और दिया डेमो लखनऊ: मार्च 27, 2022: अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल लखनऊ द्वारा दो दिवसीय कंप्रेहेंसिव इंटरवेंशनल प्रोसीजर स्पेसिफिक एनलजेसिया संगोष्ठी व कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस दौरान देश विदेश से पधारे डॉक्टर्स ने अल्ट्रासाउंड गाइडेड रीजनल एनेस्थीसिया तकनीक में हुई प्रगति और नवाचारों के विषय के वृहद चर्चा की। इस आयोजन के विषय में बताते हुए अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीईओ और एमडी डॉ मयंक सोमानी ने बताया, "अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में बेहतर से बेहतर विश्व-स्तरीय चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए अल्ट्रा-मॉडर्न मेडिकल टेक्नोलॉजी का प्रयोग होता आया है। सर्जरी और पुराने दर्द के इलाज में प्रभावित हिस्से पर एनेस्थीसिया के प्रयोग की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। इस दिशा में विभिन्न तकनीकों के बारे में जानने और सीखने के उद्देश्य से पहले भी इस तरह की संगोष्ठियों और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता रहा है। अपोलोमेडिक्स के तत्वावधान में यह वर्कशॉप कम कंटीन्यूअस मेडिकल एजुकेशन की पहल विशिष्ट मेडिकल परिस्थिति में बेहतर नतीजे प्राप्त करने के लिए इन तकनीकों के प्रयोग की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।" डॉ अजय कुमार, डायरेक्टर मेडिकल सर्विसेज, अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने बताया, "अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में हम लगातार मेडिकल साइंस के क्षेत्र में हो रही प्रगति के बारे में अध्ययन करते रहते हैं ताकि नई मेडिकल चुनैतियों का सामना कर सकें और मरीजों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ पहुंचा सकें। उसी दिशा में कंप्रेहेंसिव इंटरवेंशनल प्रोसीजर स्पेसिफिक एनलजेसिया पर दो दिवसीय सेमिनार और वर्कशॉप का आयोजन हुआ। रीजनल एनेस्थीसिया के क्षेत्र में हुई प्रगति से अब उन मरीजों को भी राहत पहुंचाई जा सकती है, जिन्हें कई कारणों से एनेस्थीसिया देना संभव नहीं था।" प्रो (डॉ) अनिल अग्रवाल, सीनियर कंसलटेंट, एचओडी, एनेस्थीसिया, अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने बताया, "यह तकनीक रीजनल पेन मैनेजमेंट का हिस्सा है। इसमें मरीज की सर्जरी से पहले केवल उस हिस्से को ही सुन्न किया जाता है, जहां पर सर्जरी होनी है। सामान्य तकनीक में पूरा हिस्सा सुन्ना करना पड़ता है लेकिन इस तकनीक से केवल प्रभावित हिस्से की नर्व को ब्लॉक कर संज्ञाशून्य किया जाता है। जिन मरीजों के लंग्स कमजोर या डैमेज होते हैं, उनको एनेस्थीसिया नहीं दिया जा सकता लेकिन अल्ट्रासाउंड गाइडेड रीजनल एनेस्थीसिया तकनीक के माध्यम से सफल ऑपरेशन किए जा रहे हैं। इस तकनीक के प्रयोग से एनेस्थीसिया के डोज को काफी हद तक कम कर दिया जाता है और मरीज के लिए सेफ्टी मार्जिन बढ़ जाताा है। इस कार्यशाला के दौरान देश-विदेश से आये विशेषज्ञों ने चर्चा की और डेमो के माध्यम से नई तकनीकों के इस्तेमाल का सजीव प्रदर्शन किया। दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान, घुटने, कूल्हे, कंधे आदि की सर्जरी में इस तकनीक के उपयोग के विषय मे चर्चा की गई। -------------------- Apolo Dr Anil Agerwal Dr Ajay Kumar

Comments

Popular posts from this blog

नए अल्ट्रा-हाई टैक्स की वजह से विदेशी अवैध ऑनलाइन गेम्स का रुख कर रहे भारतीय

फिक्की एफएलओ ने महिला उद्यमियों को सशक्त करने के लिए सिलीगुड़ी चैप्टर लांच

मुट्ठीभर बादाम से भारतीय परिवारों की प्रोटीन की आवश्यकता पूरी होती है -मास्टरशेफ विजेता पंकज भदौरिया