गैस्ट्रो और मधुमेह रोगी होली में सावधानी बरते-डॉ प्रवीण झा

रंगों के साथ खेलें लेकिन गैस्ट्रो और मधुमेह रोगियों को होली के साथ सावधानी बरतनी चाहिए लखनऊ: रंगों के त्योहार को सुरक्षित तरीके से मनाने के लिए रीजेंसी सुपर-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल लखनऊ के डॉक्टरों ने होली के दौरान पेट के स्वास्थ्य और ब्लड शुगर के स्तर को बनाए रखने के लिए क्या करें और क्या न करें, साझा किया है। उन्होंने कहा गैस्ट्रो और मधुमेह के रोगियों को होली में बने पकवान के सेवन से बेहद सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि एक दिन में लापरवाही बरतने से गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। यह देखा गया है कि लोगों ठंडाई का सेवन करते है जिसमे भांग मिली होती है, जो कई बार घुटन, डिहाइड्रेशन, पेट दर्द और बेचैनी का कारण बन सकती है। यह हृदय रोगियों, मधुमेह रोगियों और उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है क्योंकि भांग की अधिकता नसों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसी तरह, लोग गुझिया और शराब का भी अधिक मात्रा में सेवन करते हैं जो ब्लड शुगर लेवल तो बढ़ाता ही है पर साथ ही पेट और लीवर से संबंधित कई स्वास्थ्य स्थितियों को भी बढ़ा देता है। रीजेंसी सुपरस्पेशलटी हॉस्पिटल, लखनऊ के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजी कन्सलेन्ट एमडी, डीएम- डॉ प्रवीण झा ने कहा, “होली का मतलब अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही करना और उन आदतों में शामिल होना नहीं है जो लंबे समय में आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं। जिनमे पहले से कोई हृदय या पेट सम्बंधित समस्याए है उन रोगियों को शराब, भांग और होली के व्यंजनों में अधिक सेवन से बचना चाहिए। वे अपने अन्य पसंदीदा व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं लेकिन छोटे हिस्से खा कर । यह आवश्यक है कि ऐसे रोगी त्योहार के दिन या उससे पहले कसरत करें या टहलने जाएं। खरीदे गए खाद्य उत्पादों की समाप्ति तिथि की जांच करें। मिठाइयाँ बहुत जल्दी खराब होने लगती हैं, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप ताज़ा बना हुआ उत्पाद खाये । अगले दिन अपने आप को अच्छी तरह से हाइड्रेट करके और फलों और हरी सब्जियों का सेवन करे और अगले दिन अपने आहार में कुल मिलाकर 10-15% कैलोरी का सेवन कम करके डिटॉक्स मोड पर जाएं, डॉक्टर ने सुझाव दिया कि होली से पहले, हृदय या पेट सम्बंधित समस्या वाले लोगों को ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल, मूत्र परीक्षण जैसे स्वास्थ्य जांच के लिए जाना चाहिए ताकि वे पहले से जान सकें कि स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार उन्हें क्या सावधानी बरतनी चाहिए। डॉ अनुराग मिश्रा, डीएम, गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट, रीजेंसी सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने कहा, "होली स्वयं जीवन की जीवंतता का उत्सव है। एक जीवंत और सुखी जीवन जीने के लिए हमारा अपना स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है। हम आशा करते हैं कि आपकी होली खुश, स्वस्थ और रंगीन हो। होली की तैयारी होली से 2-3 दिन पहले शुरू हो जानी चाहिए, और हमारा मतलब सिर्फ उत्सव की तैयारी नहीं है, बल्कि होली के लिए शरीर और पाचन तंत्र को भी तैयार करना है। इस दौरान आप जो खाना खाते हैं वह आपके पाचन तंत्र को मजबूत करने पर केंद्रित होना चाहिए। पके हुए गुझिया, ब्राउन ब्रेड दही वड़ा, रागी मालपुए, कम वसा वाले और बिना भांग ठंडाई और फलों का रायता जैसे होली व्यंजनों के स्वस्थ विकल्प हो सकते हैं ”। ------------------------------- Holi Advisory, Do praveen Jha, Do Anurag Mishra, रीजेंसी सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल, लखनऊ

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