सपा गठबंधन को इस चुनाव में हर हाल में फायदा होगा
सपा गठबंधन को इस चुनाव में हर हाल में फायदा होगा
हुजैफ़ा
उत्तर प्रदेश में 2022 में सरकार चाहे सपा बनाये या भाजपा लेकिन इन चुनावों में यदि किसी पार्टी को फायदा होगा तो वह समाजवादी पार्टी को होता दिख रहा है। सपा ने गत अपनी सरकार में काम किये उनके बल पर वह जनता के बीच गयी और अपने गठबंधन प्रत्याशियों के साथ पूरी ताकत और लगन के साथ चुनाव लड़े। समाजवादी पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने सभी कार्यकर्ताओं और गठबंधन प्रत्याशियों में चुनाव जीतने के लिये जो जोश होना चाहिए वह भरने में वह कामयाब हुए। ओम प्रकाश राजभर और स्वामी प्रसाद मौर्या के सपा में आने से अखिलेश की राह कुछ आसान हो गयी। सपा में इनके आने के बाद नयी ऊर्जा पैदा की। कई संगठनों और दलों के साथ आने से सपा को फायदा होता दिख रहा है। इन चुनावों में सपा को 2017 के मुकाबले काफी सीटों और मत प्रतिशत का इजाफा होगा। लगभग सभी एग्जिट पोल्स में सपा के लिए वोट शेयर में 10,15 फीसदी इजाफा होने का अनुुमान है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में भाजपा का दूसरा विकल्प बनने में भी सफल रही है। वहीं बहुजन समाज पार्टी के वोटों में सेंधमारी करने में भी सपा ने सफलता हासिल की है। अगर भाजपा बसपा के वोटों में सेंधमारी करने में सफल होती तो अपने 2017 के रिकॉर्ड को तोड़कर उससे भी अधिक सीटें ला सकती थी। राजनीतिक जानकारों की मानें तो उत्तर प्रदेश की राजनीति अब भाजपा और सपा के तरफ केंद्रित हो गई है।
राजनैतिक दलों के बीच विधानसभा चुनाव की आहट खूब सुनाई देने लगी है। सत्ताधारी भाजपा दोबारा प्रदेश में सत्ता पर कब्जा करने के लिये हर दांव अपना रही है वहीं विपक्षी दल भी किसी मोर्चे पर कोई भी कोर कसर छोडऩा नहीं चाह रहे हैं लेकिन हकीकत में क्या 5 सालों में सत्ताधारी नेताओं की बनी साख चुनावी नैया पार लगा पाएगी। सपा का कहना है कि केंद्र और प्रदेश सरकार की अनगिनत जनकल्याणकारी योजनाएं हैं जरूर लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ऐसी है कि आमजन उसी तरह फटेहाल, परेशान घूम रहा है। कोविड, महंगाई, बेरोजगारी, किसान सहित कई मुददे इस चुनाव में हावी रहे। भाजपा संगठन के नेता या सहयोगी दल कितना भी जोर लगाए लेकिन जनप्रतिनिधियों की बेरुखी, उदासीनता, उनका मनमाना रवैया तथा जन उपेक्षा पर लोगों के तीखे सवालों एवं शिकायतों से उन्हें रूबरू होना पड़ा जिसका भी फायदा इन चुनावों में सपा गठबंधन होता दिख रहा है। भ्रष्टाचार व दबंगई के मामलों में भी सत्ताधारियों के चर्चे कुछ कम नहीं है। इन्हीं सब बातों का सपा को फायदा मिलना तय है। साथ ही एक बात यह भी तय है कि इन चुनावों में सपा को पिछले चुनावों से अधिक फायदा होना तय है चाहे वह विधानसभा चुनावों में सीटों का हो या मतप्रतिशत का।
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bjp
akhilash yadav
Ji acha hona to chahiey magar sare exit pols to BJP ko jita rahe hai
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