पीरियड के दौरान पेनकिलर के साइड इफेक्ट
पीरियड के दौरान पेनकिलर के सेवन का साइड इफेक्ट
डॉ आरती सिंह, सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट, रीजेंसी हॉस्पिटल, कानपुर
बहुत सारी महिलाये अपने जीवन में पीरियड के दौरान दर्द का अनुभव करती है। यह दर्द पेट के निचले हिस्से में ऐंठन के साथ जुड़ी हल्की बेचैनी से लेकर गंभीर कष्टदायी दर्द तक हो सकता है, इस दर्द की तीव्रता में अलग अलग हो सकती है। इस समस्या को 'कष्टार्तव' के रूप में जाना जाता है। पांच में से एक महिला हार्ट अटैक के दर्द की तरह पीड़ा होने की शिकायत करती है। टीनएज और युवा लड़कियों में पीरियड के दौरान गंभीर ऐंठन होना आम बात है। अक्सर इनकी वजह से रोजमर्रा के काम प्रभावित होते है। यहां तक कि पीड़ित महिला नियमित गतिविधियों को भी नहीं कर पाती है। इसका नतीजा यह होता है कि महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह के ही पीरियड्स के दर्द से छुटकारा पाने के लिए पेन किलर खाने लगती है। पेन किलर की हल्की खुराक एंटी-स्पास्मोडिक के साथ मिलकर मासिक धर्म में ऐंठन को कम करने में मदद कर सकती है और इसका सेवन करना सुरक्षित है। पहले दो दिनों के लिए पेन किलर की दो खुराक से कोई दिक्कत नहीं होती है और आमतौर पर पेन किलर की दो ख़ुराक दर्द से राहत प्रदान करने के लिए पर्याप्त होती है। हालांकि दो से ज्यादा खुराक लेने वाली महिला को डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। जिस तरह हर दूसरी दवा का अधिक मात्रा में सेवन करने पर साइड इफेक्ट होता है, उसी तरह पेन किलर का भी साइड इफेक्ट होता है। एस्पिरिन, इबुप्रोफेन, पैरासिटामोल आदि के लंबे समय तक और गलत उपयोग से दर्द का लॉन्गटर्म साइड इफेक्ट भी हो सकता है। पेट में जलन, पेट दर्द, एसिडिटी, डायरिया, जी मिचलाना, उल्टी जैसी गैस्ट्रिक समस्याएं पेन किलर लेने से हो सकती है। इनसे ज्यादा गंभीर समस्याओं जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीड, पेट के अल्सर होने आदि को भी बढ़ावा देती है। पेन किलर के ज्यादा उपयोग से एलर्जी होना दुर्लभ है लेकिन अगर एलर्जी होती है तो परिणाम गंभीर हो सकता है जैसे कि चकत्ते, पित्ती, खुजली, लाल सूजे हुए छाले या त्वचा का छिलना, बुखार, घरघराहट, चेहरे, होंठ या जीभ की सूजन आदि।
छाती में जकड़न, सांस लेने में तकलीफ, निगलने या बात करने में परेशानी; आवाज अजीब से निकलना दिल की धड़कन अनियमित होना
- चक्कर आना, थकान, उनींदापन, सिरदर्द
-ब्लीडिंग डिसऑर्डर
- लीवर डैमेज- पीलिया, गहरे रंग का पेशाब, पेशाब की मात्रा में कमी, थकान, पेट खराब, हल्के रंग का मल, उल्टी आदि।
- ज्यादा पेन किलर का सेवन डिप्रेशन बढ़ा सकता है, अल्जाइमर बीमारी को बढ़ावा दे सकता है।
- किडनी डैमेज और किडनी फेल- पेन किलर दवाओं का बहुत ज्यादा प्रयोग किडनी फेल होने की सम्भावना को बढ़ा सकता है।
पेन किलर शरीर के विभिन्न ऑर्गन सिस्टम को लंबे समय तक नुकसान पहुंचाने के अलावा कुछ लोगों में लत का कारण भी बन सकता है क्योंकि वे तत्काल राहत पाने के आदी हो जाते हैं, इस प्रकार पेन किलर का बुद्धिमानी से सेवन करना कठिन हो जाता है। पेन किलर किसी भी अन्य दवा की तरह प्रोफेसनल कंसल्टेशन के बाद लेने पर बहुत फायदेमंद और प्रभावी होते हैं। वे तत्काल राहत प्रदान करते हैं और दर्दनाक ऐंठन से छुटकारा दिलाते हैं। पेन किलर दवाओं की एक न्यूनतम खुराक ज्यादातर दर्द को कम करने के लिए पर्याप्त से ज्यादा होती है। हालांकि अगर किसी महिला को विशेष रूप से मासिक धर्म के दौरान दर्द निवारक दवाओं की ज्यादा खुराक की जरुरत होती है, तो यह प्रोडक्टिव ट्रैक्ट (प्रजनन पथ) की अंतर्निहित समस्याओं का संकेत हो सकता है, और इसके लिए उचित कंसल्टेशन की जरुरत होती है। स्त्री रोग संबंधी समस्याएं जैसे एंडोमेट्रियोसिस, फाइब्रॉएड, एडिनोमायोसिस, डिम्बग्रंथि पुटी, प्रजनन अंग के संक्रमण, यहां तक कि गर्भधारण आदि भी गंभीर पेट दर्द का कारण बन सकते हैं। किसी भी पीरियड के दर्द/ऐंठन में ज्यादा पेन किलर की जरुरत हो तो उसकी जांच की जानी चाहिए।
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pen kiler
REGENCY HOSPITAL
DR. ARTI SINGH
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