सहारा हॉस्पिटल में दिल के वाल्व रिपेयर कर दिया नया जीवन
सहारा हास्पिटल के डाक्टर विशाल श्रीवास्तव ने अनुसार वाल्व रिप्लेसमेंट के बजाय वाल्व रिपेयर ज्यादा फायदेमंद
इससे मरीजों को कई समस्याओं से मिलती है मुक्ति
लखनऊ : गोरखपुर की रहने वाली 19 वर्षीय युवती, ईशा चौहान को कई साल से सांस फूलने की शिकायत थी, उसे हल्का सीने में दर्द रहता था। तब मरीज ने गोरखपुर के एक चिकित्सक की सलाह ली तो उसके वाल्व में कुछ खराबी बतायी। करीब 11 साल तक उनकी दवा चलती रही। उन्होंने सोचा जब वह बड़ी हो जाएंगी तब ऑपरेशन करवा लेंगी। ऑपरेशन के लिहाज से जब वह बड़ी हो गयी, लेकिन कोविड की वजह से वह पिछले 1 साल से ऑपरेशन के लिए कोशिश कर रही थी, पर करवा नहीं पा रही थी। मरीज के पिता ने अच्छे अस्पताल को तलाशना शुरू किया तो उनके एक परिचित ने बताया कि सहारा हॉस्पिटल लखनऊ में डा. विशाल श्रीवास्तव अच्छे कार्डियोथोरेसिक सर्जन हैं और उनके जानने वाले का सफल इलाज कर चुके हैं। इसके बाद मरीज ने डॉ. विशाल श्रीवास्तव से ओपीडी में परामर्श लिया तो उन्होंने इको की जांच करवाई। सभी चिकित्सकों ने वाल्व रिप्लेसमेंट की सलाह दी थी, क्योंकि ऐसे मरीजों में इसका इलाज रिप्लेसमेंट से ही सम्भव था। डा. विशाल श्रीवास्तव, सहारा हॉस्पिटल में कई मरीजों का वाल्व रिपेयर कर सफलतापूर्वक आपरेशन चुके हैं। डा.विशाल ने मरीज के पिता को दो ऑप्शन दिये, इसमें पहला लाइफटाइम का वाल्व रिपेयर करा सकते हैं या 20 साल वाला वाल्व रिपेयर करा सकते हैं। तब पिता और बेटी ने डाक्टर की सलाह पर वाल्व रिपेयर करवाने का निश्चय किया। 11 अक्टूबर को मरीज को भर्ती कराया, जहां 13 अक्टूबर को डा. विशाल श्रीवास्तव ने सफलता पूर्वक ऑपरेशन किया, हालांकि यह ऑपरेशन बहुत ही चुनौतीपूर्ण था, परन्तु इसमें मरीज को दो चीजों से बहुत बड़ा फायदा होने वाला था। पहला कि उसकी दवाई बंद हो जाती जो खून पतला करने के लिए जीवन भर खाने के लिए मरीजों को अक्सर दी जाती हैं और उसका बहुत ज्यादा साइड इफेक्ट्स होता है। दूसरा फायदा यह हुआ कि उसको जीवन भर के लिए वाल्व रिपेयर करने की वजह से भविष्य में आने वाले समय में न ही उसको किसी तरह का कंसीव करने में या प्रेगनेंसी में दिक्कत का सामना करना पड़ता। डा. विशाल श्रीवास्तव ने बताया अब इस नयी तकनीक यानि वाल्व रिपेयर से बहुत से मरीज लाभान्वित हो पाएंगे, विशेष रूप से वह महिलाएं जो वाल्व रिप्लेसमेंट के लिए उनके अन्दर हिचक रहती है। कई महिलाएं तो इस समस्या की वजह से कंसीव न कर पाने का सोचकर डिप्रेशन का शिकार भी हो जाती हैं। डा. विशाल ने मरीज का हार्ट वाल्व को रिपेयर कर मरीज को न केवल नया जीवन दिया अपितु उसके आने वाले जीवन को जीने के लिए जिंदगी की राह भी आसान कर दी ताकि उसका वैवाहिक जीवन भी अच्छी तरह से जी सकें। मरीज के परिजन बहुत ही खुश थे और उन्होंने दिल से यहां की सुविधाओं और व्यवस्थाओं की प्रशंसा की और मैनेजमेंट को धन्यवाद दिया।
सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार अनिल विक्रम सिंह ने बताया कि हमारे अभिभावक सहाराश्री जी की सोच हर प्रकार के मरीजों को हर स्तर पर लाभान्वित करने की रही है। इसी स्वप्न व सोच को पूरा करते हुए सहारा हॉस्पिटल नित नये आयाम स्थापित कर रहा है और यहां का कार्डियोथोरेसिक विभाग अतिकुशल अनुभवी चिकित्सकों की टीम व अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है और बेहतर चिकित्सा उचित दर पर निरंतर उपलब्ध करवा रहा है।
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sahara hospital lucknow
Do Vishal srivastava
कार्डियोथोरेसिक सर्जन
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