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Showing posts from February, 2021

आयुर्वेदिक गुरु ने शुरू किया हस्ताक्षर अभियान

स्वास्थ्य का अधिकार आयुर्वेदिक गुरु ने शुरू किया हस्ताक्षर अभियान लखनऊ। प्रसिद्ध आयुर्वेद विशेषज्ञ गुरु मनीष जो 1997 से ही आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में जुटे हैं ने एक अद्वितीय ऑनलाइन याचिका के वेब पोर्टल राइट 2 हैल्थ इन का अनावरण किया, जो सभी भारतीयों और यहां तक कि विदेशों में भी लोगों को स्वास्थ्य का अधिकार दिलाने में मददगार साबित होगा। ऑनलाइन पिटीशन का वेब.पोर्टल आचार्य मनीष ने नोएडा में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान प्रदर्शित किया। राइट टू हेल्थ अब आपके हाथ विश्व का स्वास्थ्य नामक एक अभिनव नाम वाली ऑनलाइन पिटीशन के लांच की घोषणा के साथ ही, आचार्य मनीष ने शुद्धि आयुर्वेद द्वारा शुरू किये गये राइट टू हैल्थ अभियान के बारे में बात की। शुद्धि आयुर्वेद भारत में आयुर्वेद को चिकित्सा की सर्वप्रथम उपचार पद्धति के रूप में बढ़ावा देने के लिए गुरु मनीष द्वारा स्थापित एक संगठन है। शुद्धि आयुर्वेद का कॉर्पोरेट मुख्यालय चंडीगढ़ के निकट जीरकपुर में है। पूरे भारत में शुद्धि आयुर्वेद के 150 से अधिक सेंटर कार्यरत हैं। गुरु मनीष ने कहा संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार सभी व्यक्तियों को जीवन का अधिकार ...

इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट समस्या से निपटने के लिए चलाया क्लीन टू ग्रीन कैम्पेन

लखनऊ 2021,: रिवर्स लॉजिस्टिक्स ग्रुप (आर एल जी) - व्यापक रिवर्स लॉजिस्टिक्स समाधानों की अग्रणी वैश्विक सेवा प्रदाता - ने मई 2020 में अपना प्रमुख अभियान ‘क्लीन टू ग्रीन’ लॉन्च किया था जो मार्च 2021 तक चलेगी। इस अभियान का उद्देश्य जिम्मेदार संगठनों के साथ भागीदारी करके इलेक्ट्रॉनिक्स के जिम्मेदार निपटान और रीसाइक्लिंग के लिए सुरक्षित प्रथाओं के बारे में जागरूकता और संवेदनशीलता पैदा करना है। भारत वर्तमान में दुनिया में ई-कचरे का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है जो सालाना 2 मिलियन टन ई-कचरे का उत्पादन करता है, हालांकि केवल 0 .036 मिलियन टन कचरे का प्रसंस्करण किया गया था। भारत में लगभग 95 प्रतिशत ई- कचरे का अनौपचारिक क्षेत्र में कच्चे तरीके से पुनर्नवीनीकरण किया जाता है। आरएलजी के क्लीन टू ग्रीन अभियान को पिछले 3 वर्षों में बड़ी सफलता मिली; 25 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में, स्कूल, कॉलेज, आरडब्ल्यूए, ऑफिस क्लस्टर्स, रिटेलर्स, थोक उपभोक्ता और अनौपचारिक क्षेत्र में हितधारकों तक पहुंच बढ़ी । पूरे भारत में कुल 2,210 गतिविधियाँ आयोजित की गईं, यह अभियान 22,21,406 व्यक्तियों तक पहुँचा। वित्त वर्ष ...

भारत में डिजिटल क्रांति आने से रोजगार परकता में लैंगिक अंतर सुधरा: इंडिया स्किल रिपोर्ट

लखनऊ व्हीबॉक्स द्वारा टैग्ड, सीआईआई, एआईसीटीइ, एआईयू और यूएनडीपी के साथ साझेदारी करते हुए पेश की गई इंडिया स्किल रिपोर्ट 2021 भारत में कोरोना काल आने के बाद कौशल की मांग और आपूर्ति पर आधारित रिपोर्ट है। इसके अनुसार, दिल्ली-एनसीआर, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में देश में सबसे ज्यादा रोजगार परक कौशल है। व्हीबॉक्स के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी निर्मल सिंह ने कहा, श्श्आखिरकार भारत में डिजिटल क्रांति के साथ ही रोजगार परकता में लैंगिक अंतर में सुधार हो रहा है। हमने जो सबसे बड़ा संरचनात्मक बदलाव देखा है वह ये है कि महिलाओं की सहभागिता पिछले पांच सालों से ज्यादा है। कुल कर्मियों में महिलाओं का हिस्सा 36 प्रतिशत व पुरुषों का हिस्सा 64 प्रतिशत है। महिलाओं की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी बैंकिंग और वित्तीय सेवा उद्योग में है। इस क्षेत्र में रोजगार परक प्रतिभाओं में महिलाएं 46 प्रतिशत तक हैं। यह ट्रेंड भविष्य के लिए, खासकर वर्क फ्रॉम होम की संभावनाओं को देखते हुए सबसे सकारात्मक ट्रेंड में से एक है। द व्हीबॉक्स नेशनल इंप्लॉयबिलिटी टेस्ट सर्वे में भारत के युवाओं की रोजगार परकता पर प्रकाश डाला गया है। सर...

किडनी की पथर से खुद को बचाएं डॉ सिद्धार्थ सिंह

लखनऊ : सर्दियों में ऐसा देखा गया है कि किडनी में पथरी और यूटीआई की घटना ज्यादा होती है, क्योंकि इस मौसम में लोग अपनी डाइट में तरल पथार्थों का सेवन बहुत कम कर देते है। शरीर में हमारी किडनी का मुख्य काम मूत्र के माध्यम से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालना और पानी का संतुलन बनाए रखना होता है। यह क्रिया सही रहने पर ब्लड फ्लो अच्छा बना रहता है। इसलिए किडनी और शरीर के अन्य अंगो के काम को अच्छा बनाये रखने के लिए जरूरी है कि हम भरपूर मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें। एक्सपर्ट्स का मानना है कि किडनी बहुत ज्यादा पानी होने से उसे संभाल सकती है लेकिन अगर शरीर में बहुत कम पानी रहेगा तो इससे किडनी का फंक्शन प्रभावित हो सकता है। इस वजह से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई), किडनी में पथरी और किडनी फेल हो सकती है। अगर इन सबका इलाज जल्दी न किया जाए तो इससे किडनी डैमेज भी हो सकती है। बहुत कम तरल पदार्थ का सेवन करने से डीहाइड्रेशन होता है। तीन तरीके होते है जिससे शरीर से पानी बाहर निकलता है। पहला सांस लेने से, दूसरा पेशाब के जरिये और तीसरा पसीना बहने से। हर किसी को डीहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप...