उपचुनाव में योगी की प्रतिष्ठा दाँव पर
उत्तर प्रदेश में सात सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव होने वाले हैं। आमतौर पर यह प्रचलन है कि इन चुनावों को सत्ता दल का चुनाव माना जाता है। योगी सरकार के दौरान 2019 में विधानसभा के ग्यारह सीटों पर हुए उपचुनाव इस मान्यता के विपरीत साबित हुए थें। इन चुनाव में भाजपा को एक सीट का नुकसान और सपा को दो सीटों का फायदा हुआ था। इससे कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को पिछले चुनाव की अपेक्षा नौ सीटें कम मिली औऱ बढ़े मत प्रतिशत के बावजूद वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव की तुलना में 312 सीटों के स्थान पर केवल 275 सीटों पर बढ़त हासिल हुआ। जबकि उसके पास पुलवामा में पाकिस्तानी हमले में शहीद सैनिकों सहित पाकिस्तान में घुसकर सर्जीकल स्ट्राइक करने जैसा राष्ट्रवादी औऱ संवेदनशील मुद्दे और मोदी का जादू था भी था। वर्ष 2018 में भाजपा गोरखपुर और फूलपुर जैसे प्रतिष्ठा वाली लोकसभा सीटें समाजवादी पार्टी से हार गयी थी। उस समय योगी सरकार पर भ्रष्टाचार और खराब कानून व्यवस्था का आरोप भी नही था। जनप्रतिनिधियों और संगठन का कोई प्रत्यक्ष विरोध नही था। अब राजनीतिक परिस्थितियाँ बिल्कुल उलट हैं। विपक्ष...