स्मार्ट मीटरों ने उत्तर प्रदेशको लॉकडाउन में 20 प्रतिशत अधिक राजस्व
huzaifa
उर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत कार्यरत पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम) एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड (ईईएसएल) को भारत में स्मार्ट मीटरिंग प्रोग्राम लागू करने के लिए नियुक्त किया गया है। उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है,जहां 12 शहरों में करीब 9.8 लाख मीटरों की संस्थापना के साथ ही बड़े पैमाने पर इस प्रोग्राम को लागू किया जा चुका है। जल्द ही राज्य के 8 अन्य शहरों में भी इसे शुरू करने की योजना है। उत्तरप्रदेश में स्मार्ट मीटरों का प्रयोग डिस्कॉम तथा उपभोक्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद है। डिस्कॉम इनके चलते हर महीने औसतन 20 प्रतिशत अधिक राजस्व प्रति उपभोक्ता कमा रहे हैं, जो लगभग275/ रु है, इसी तरह जहां स्मार्ट मीटर सैचुरेशन है, 50 प्रतिशत वहां एटी एवं सी घाटों में भी औसत 5 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, भुगतान नहीं करने वाले उपभोक्ताओं के परिसर में रिमोट लोकेशन से बिजली काटने की सुविधा से भी डिस्कॉम का राजस्व बढ़ा है,और साथ ही ऑनलाइन मॉनीटरिंग तथा बिजली खपत का पूर्वानुमान करना और स्मार्ट मीटरों के साथ छेड़छाड़ की ऑनलाइन जानकारी आदि से भी स्थिति में सुधार हुआ है।
स्मार्ट मीटरों के बारे में श्री सौरभ कुमार, प्रबंध निदेशक, ईईएसएल का कहना है, ’’डिस्कॉम की दक्षता बढ़ाने में स्मार्ट मीटरों के योगदान के मद्देनज़र माननीय वित्त मंत्री ने हाल में देशभर में प्रीपेड मीटरों को लगाने की घोषणा की थी। यह स्मार्ट मीटर बेहतर आउटेज मैनेजमेंट सिस्टम, रिमोट मीटर रीडिंग तथा त्रुटि रहित बिलिंग के चलते डिस्कॉम परिचालन को अधिक कार्यकुशल बनाने में सहायक हैं। स्मार्ट मीटरिंग ही चैनलों के लिए नकदी प्रवाह और दक्षता बढ़ाने का माध्यम बन सकते हैं। साथ ही, स्मार्ट और अधिक शक्तिशाली बिजली क्षेत्र को बढ़ावा देकर डिजिटल एनर्जी इको सिस्टम को भी प्रोत्साहित करना जरूरी है। डिस्कॉम के राजस्व में बढ़ोतरी ने यह साबित कर दिया है कि स्मार्ट मीटर ही हमारा भविष्य है।’’
ईईएसएल द्वारा लगाए इन स्मार्ट मीटरों को आईटी सिस्टम की मदद से एक रिमोट बटन क्लिक के जरिए प्रीपेड मोड में बदला जा सकता है। उत्तर प्रदेश की डिसकॉम ने यह अभियान शुरू किया ताकि उपभोक्ताओं को स्मार्ट प्रीपेड मीटरों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए मासिक शुल्क में 2 प्रतिशत छूट भी दी जा रही है।
भारत के बिजली क्षेत्र में हमेशा से डिस्कॉम घाटे की समस्या से जूझते आए हैं। अब यह समस्या इस वजह से और गंभीर हो गई है,कि डिस्कॉम लॉक डाउन के चलते उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग नहीं ले पा रही हैं, और उनके आधार पर बिल भी जारी नहीं किए जा रहे हैं। लेकिन स्मार्ट मीटरों जैसे समाधान ने स्थिति को ज्यादा बिगड़ने से बचा लिया है, और जिन डिस्कॉम ने इन्हें अपनाया है उनके घाटों को नियंत्रित किया जा सका है। उत्तरप्रदेश में, 97 प्रतिशत स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को लॉकडाउन की अवधि में बिल जारी किए गए हैं। ये स्मार्ट मीटर डिसकॉम को मौजूदा संकट से प्रभावी तरीके से निपटने, बिना मानवीय हस्तक्षेप के मीटर रीडिंग लेने, राज्यों के दिशा-निर्देर्शों के अनुसार रिमोट कनेक्ट/डिस्कनेक्ट करने तथा बिलों के डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं।
उर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत कार्यरत पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम) एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड (ईईएसएल) को भारत में स्मार्ट मीटरिंग प्रोग्राम लागू करने के लिए नियुक्त किया गया है। उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है,जहां 12 शहरों में करीब 9.8 लाख मीटरों की संस्थापना के साथ ही बड़े पैमाने पर इस प्रोग्राम को लागू किया जा चुका है। जल्द ही राज्य के 8 अन्य शहरों में भी इसे शुरू करने की योजना है। उत्तरप्रदेश में स्मार्ट मीटरों का प्रयोग डिस्कॉम तथा उपभोक्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद है। डिस्कॉम इनके चलते हर महीने औसतन 20 प्रतिशत अधिक राजस्व प्रति उपभोक्ता कमा रहे हैं, जो लगभग275/ रु है, इसी तरह जहां स्मार्ट मीटर सैचुरेशन है, 50 प्रतिशत वहां एटी एवं सी घाटों में भी औसत 5 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, भुगतान नहीं करने वाले उपभोक्ताओं के परिसर में रिमोट लोकेशन से बिजली काटने की सुविधा से भी डिस्कॉम का राजस्व बढ़ा है,और साथ ही ऑनलाइन मॉनीटरिंग तथा बिजली खपत का पूर्वानुमान करना और स्मार्ट मीटरों के साथ छेड़छाड़ की ऑनलाइन जानकारी आदि से भी स्थिति में सुधार हुआ है।
स्मार्ट मीटरों के बारे में श्री सौरभ कुमार, प्रबंध निदेशक, ईईएसएल का कहना है, ’’डिस्कॉम की दक्षता बढ़ाने में स्मार्ट मीटरों के योगदान के मद्देनज़र माननीय वित्त मंत्री ने हाल में देशभर में प्रीपेड मीटरों को लगाने की घोषणा की थी। यह स्मार्ट मीटर बेहतर आउटेज मैनेजमेंट सिस्टम, रिमोट मीटर रीडिंग तथा त्रुटि रहित बिलिंग के चलते डिस्कॉम परिचालन को अधिक कार्यकुशल बनाने में सहायक हैं। स्मार्ट मीटरिंग ही चैनलों के लिए नकदी प्रवाह और दक्षता बढ़ाने का माध्यम बन सकते हैं। साथ ही, स्मार्ट और अधिक शक्तिशाली बिजली क्षेत्र को बढ़ावा देकर डिजिटल एनर्जी इको सिस्टम को भी प्रोत्साहित करना जरूरी है। डिस्कॉम के राजस्व में बढ़ोतरी ने यह साबित कर दिया है कि स्मार्ट मीटर ही हमारा भविष्य है।’’
ईईएसएल द्वारा लगाए इन स्मार्ट मीटरों को आईटी सिस्टम की मदद से एक रिमोट बटन क्लिक के जरिए प्रीपेड मोड में बदला जा सकता है। उत्तर प्रदेश की डिसकॉम ने यह अभियान शुरू किया ताकि उपभोक्ताओं को स्मार्ट प्रीपेड मीटरों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए मासिक शुल्क में 2 प्रतिशत छूट भी दी जा रही है।
भारत के बिजली क्षेत्र में हमेशा से डिस्कॉम घाटे की समस्या से जूझते आए हैं। अब यह समस्या इस वजह से और गंभीर हो गई है,कि डिस्कॉम लॉक डाउन के चलते उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग नहीं ले पा रही हैं, और उनके आधार पर बिल भी जारी नहीं किए जा रहे हैं। लेकिन स्मार्ट मीटरों जैसे समाधान ने स्थिति को ज्यादा बिगड़ने से बचा लिया है, और जिन डिस्कॉम ने इन्हें अपनाया है उनके घाटों को नियंत्रित किया जा सका है। उत्तरप्रदेश में, 97 प्रतिशत स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को लॉकडाउन की अवधि में बिल जारी किए गए हैं। ये स्मार्ट मीटर डिसकॉम को मौजूदा संकट से प्रभावी तरीके से निपटने, बिना मानवीय हस्तक्षेप के मीटर रीडिंग लेने, राज्यों के दिशा-निर्देर्शों के अनुसार रिमोट कनेक्ट/डिस्कनेक्ट करने तथा बिलों के डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं।
Comments
Post a Comment