ख़तने जैसी कुप्रथा पर प्रहार है प्रज्ञेश की फिल्म शिनाख्त
ख़तने जैसी कुप्रथा पर प्रहार करती प्रज्ञेश की फिल्म शिनाख्त सुप्रीम कोर्ट में महिला ख़तने के लंबित मामले पर बनी फिल्म शिनाख्त मानवाधिकार पर भारतीय स्थिति का एहसास दिलाती फिल्म शिनाख्त हुज़ैफ़ा लखनऊ। एक दौर था, जब फिल्मों को ही अच्छा नही माना जाता था। फिल्मों के सार्थक सन्देश ने जहाँ फिल्मों की स्वीकार्यता बढाई, वही फिल्मों के व्यावसायिक युग की शुरुआत भी हुई। इस बदलाव ने अच्छे सन्देश या बौद्धिकता के स्तर पर फिल्मों को मौका दिया। ऐसी ही एक हालिया फिल्म है शिनाख्त जो खतना की समस्या को बेबाकी से उजागर करती है। ऐसे ही विषय पर बनी फिल्म शिनाख्त का पोस्टर लांच गोमती नगर के एक होटल सुरा वे में हुआ। इस अवसर पर फिल्म के निर्देशक प्रज्ञेश सिंह, एक्टर शिशिर शर्मा, लेखक प्रणव विक्रम सिंह और टीम के अन्य लोग मौजूद रहे। कंपनी सेक्रटरी से फिल्मकार बने लखनऊ के प्रज्ञेश सिंह का ध्यान हमेशा सामाजिक समस्यायों और कुरूतियो पर रहता है। विगत के वर्षो में छोटी सी गुजारिश जैसी 28 मिनट की फिल्म बनाकर चर्चा में रह चुके प्रज्ञेश सिंह ने हाल में खतना जैसी कुप्रथा पर एक फिल्म का निर्माण व् निर्देशन कि...